Madhu Arora

Add To collaction

लेखनी कहानी -08-May-2022माँ

शब्द नहीं है मेरे पास,
   कलम की लेखनी से।
   तुझको बांध पाऊं में,
   सामर्थ्य नहीं लफ्जों में मेरे।
   प्यार की बात बयां कर‌ पाऊंँ,
   तेरी ममता तेरा त्याग,
   कितना अद्भुत कितना अपार।
   सब कुछ भूल जाती,
    बच्चों पर सर्वस्व लुटा दे।
    तू करूणा ,तू सहनशीला ,
    तू शक्ति स्वरूपा, हिम्मत रूपा ,
    बच्चों की खातिर बलिदान है करती।
     अपने प्यार की ममता से ढकती, 
     है बचाती  हमको हर आपदा ‌से।
     हर परेशानी की ढाल है बनती,
     सुंदर चरित्र का निर्माण है करती।
     भले बुरे का भेद बताती,
      मां तू थकती नहीं क्या?
       तुझे गुस्सा नहीं आता क्या?
       दिनभर करती तू काम,
       तनिक नहीं करती आराम।
       आलिंगन ,चुंबन ,प्यार, अपनत्व बरसाती ,
       थक कर जब मैं आता हूँ।
       ममता से माथा सहलाती,
       सब पर अपना प्यार लुटती।
       मां तुम सिर्फ मां हो प्यार की बरसात हो ,
       जीवन भर तुम्हारे अथाह प्यार की छाया में
       मैंने खुद को महफूज है पाया ।
       मिले तुम्हारा आशीर्वाद सदा 
        बस यह सोच मन मुस्कुराया
                             रचनाकार ✍️

                             मधु अरोरा
       8.5.२०२२
प्रतियोगिता हेतु 

   29
13 Comments

नंदिता राय

10-May-2022 03:25 PM

बहुत खूब

Reply

Shnaya

09-May-2022 06:10 PM

Nice

Reply

Reyaan

09-May-2022 04:49 PM

Very nice 👍🏼

Reply